“हमला हुआ, विरोध हुआ… फिर आगे क्या?”
अब राजनीति नहीं, एक्शन चाहिए – ये 6 तकनीकी फैसले ज़रूरी हैं:
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AI आधारित रियल-टाइम इंटेलिजेंस सिस्टम लागू करें:
जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में AI तकनीक से संदिग्ध गतिविधियों की पूर्व चेतावनी देने वाली प्रणाली तुरंत शुरू होनी चाहिए। -
सैटेलाइट और ड्रोन निगरानी नेटवर्क मजबूत करें:
एलओसी के नज़दीकी इलाकों में 24x7 ड्रोन और उपग्रह मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। किसी भी घुसपैठ की जानकारी तत्काल मिले और फोर्स तुरंत सक्रिय हो। -
क्विक रिस्पॉन्स कॉम्बैट यूनिट (QRCU) की स्थापना:
हमले के कुछ घंटों के भीतर ही आतंकियों को खत्म करने वाली तेज़तर्रार विशेष फोर्स तैयार की जाए। -
साइबर निगरानी प्रणाली का विस्तार:
सोशल मीडिया के ज़रिए भटकने वाले स्थानीय युवाओं पर नज़र रखने के लिए हर राज्य में 24x7 साइबर ट्रैकिंग यूनिट की ज़रूरत है। -
राजनीतिक जवाबदेही तय होनी चाहिए:
कोई भी नेता अगर देशविरोधी ताकतों को बढ़ावा देने वाला बयान देता है तो उस पर संसदीय जांच और कानूनी प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। -
स्थानीय नागरिकों से जुड़ा 'सिविक इंटेलिजेंस नेटवर्क':
ज़मीनी स्तर पर संवाद बनाए रखने वाले प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के ज़रिए आतंकी गतिविधियों की जानकारी पहले ही मिल सकती है।
"सर्वदलीय बैठक नहीं, अब सर्वदलीय एक्शन चाहिए!"
हमारा देश सिर्फ भावनाओं से नहीं, डेटा, टेक्नोलॉजी और रणनीति से सुरक्षित रहेगा। हर बार "जवाब दिया जाएगा" वाला बयान अब लोगों को खोखला लगने लगा है।
एक ही मांग —
राजनीति बंद करें, सुरक्षा पर ठोस सर्वदलीय कार्रवाई शुरू करें। वरना हर विरोध के पीछे अगला हमला तैयार खड़ा रहेगा।
महत्वपूर्ण सूचना:
यह विश्लेषण और सुझावों वाला पत्र प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सेन्ट्रल प्रेस जर्नलिस्ट असोसिएशन द्वारा सादर प्रेषित किया गया है ताकि केंद्र सरकार समय रहते इन सिफारिशों पर संज्ञान लेकर ठोस कदम उठा सके।
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